'डोलते अक्स' चंद नज्मों, ग़ज़लों और शेरों का एक गुलदस्ता हैं, इसमें गुंचे है रंगों-ब रंग किन्तु किसकी खुशबू कितनी तासीर रखती है, खुदा जाने, इसीलिए मैंने चाहा आप साहबान, कुछ लिखें, कुछ कहें कि मेरी इस उर्दू-हिन्दी नज्मों-गज़ल पर कुछ रोशनी हो, कुछ सीखने का शऊर मिले, इसके लिए मैं जाने-माने शायर डॉ० जकी तारिक साहब का शुक्रिया अदा करती हूँ जिन्होंने हर सफे पर पूरी तबज्जों की और कुछ लिखा, मन के सुकून के लिए। और मैं सुविख्यात नामोनिगार व शायर डॉ० शमसुल हसन आविदी की भी शुक्रगुजार हूँ रहनुमाई के लिए, जिनके लफ़्ज मेरे लिए कुछ बोलते हैं, राह खोलते हैं। साथ ही 'डोलते अक्स' की सज्जा व सुन्दरता से प्रकाशन के लिए पराग बुक्स का भी शुक्रिया अदा करती हूँ। इस सफर में विख्यात पत्रकार व नवगीतकार डॉ० श्याम निर्मम व अन्य सहयोगियों का भी शुक्रिया। -सुनीति रावत
शुक्रिया