शायरी अच्छी वही होती है जो दिल को छू ले

शायरी अच्छी किसी भी संग्रह के बारे में विचारों की अभिव्यक्ति एक कठिन काम है, क्योंकि इल्म किसी की जागीर नहीं होता। अपने-अपने शौक और प्रतिभा पर निर्भर है कि विद्या के सागर में डूबकर किसने कितने रत्न प्राप्त किये हैं। मेरे विचार में किसी भी कविता में दो बातों का होना अत्यन्त आवश्यक और महत्त्वपूर्ण है। पहली यह कि कविता के माध्यम से जो कुछ भी कहा गया है वह मर्मस्पर्शी हो तथा दूसरी बात कि उस रचना में आधुनिक युग की पूरी छाप हो। आज के मनुष्य का जीवन संघर्षों से परिपूर्ण है। इस संघर्षभरी ज़िन्दगी में कुछ लोग वह होते हैं जो चुनौतियों का सामना करने के बजाय उससे फरार अख्तियार कर लेते हैंकुछ वह हैं जो तमाम मुश्किलों का बड़ी बहादुरी से सामना करते हैं। विशेषरूप से वह लोग जो लेखन के माध्यम से विचारों की अभिव्यक्ति करते हैं, वह समाज में इसलिये श्रेष्ठ माने जाते हैं कि उन्होंने जीवन और उसकी कटु सच्चाइयों से फरार नहीं अख्तियार किया है। सुनीति रावत एक ऐसी ही शख्शियत हैं।


कविता अपने आपमें पूरे व्यक्तित्व का दर्पण होती हैमौसूफा ने अपने संग्रह 'डोलते अक्स' में अन्तर्मन की चाह, इंसानियत, दोस्ती, रूमानियत, प्यार-मोहब्बत, इकरार-इसरार और भाईचारा सबको सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है, मानो सबकुछ अपने आप लड़ी में पिरोता चला आता है। इन्होंने अपने विशाल अनुभव से महकती जुल्फों की छाँव, टूटे पैमाने और बुझी हुई शमा के ढेरों तथा गेसुओं से गिरी हुई अफसां के छोटे-छोटे कण को कविता के माध्यम से मूर्त रूप दिया है, जिसने रचयिता को कुछ इस तरह दमकाया-चमकाया है कि इन्द्रधनुष की सी छटा देखने को मिलती है। मौसूफा की पहचान इस रूप में भी होती है कि इन्होंने अपने लहू में अपने कलम को डुबोकर सबकुछ कुछ इस तरह लिख दिया है कि वह मन में उतरकर देर तक राहत और सुकूँ देता है I


इस संग्रह में महसूफा ने अपने विचारों को केवल शब्दों का रूप ही नहीं दिया है बल्कि यह दर्शाना चाहा है कि शायरी जब धीरे-धीरे किसी के दिल पर उतरती है तो वह शायर या कवि उसका अधीनस्थ हो जाता है। कविता का हृदय-पटल पर पदार्पण उसे एक ऐसी दुनिया में पहुँचा देता है, जहाँ से तमाम भेद स्वतः समाप्त हो जाते हैं, दूसरी ओर यही कविता जब बहुत ही संजीदगी और दयानतदारी से कही जाती है तो दुनिया वाले चाहे उस कवि को श्रेष्ठ न भी मानें, फिर भी समय साहित्य के पन्नों में उसके नाम को ऐसे अंकित कर देता है जैसे किसी हार में मोती पिरोये गये होंसुनीति रावत की ये नज्में कुछ इसी तरह मोती की आभा से भरी हैं । जीवन आगे बढ़ने का नाम है। ज़िन्दगी का अनुभव ही वह सरमाया है जिसे जितना लटाया जाये. बढ़ता ही जायेगा।


अँधेरी रातों, तारों भरे आसमान, बहते हुए दरिया और इस भरीपूरी दुनिया में जब कोई कवि अपने दर्द को इंसानियत के नाम पर इतना परवान चढ़ा देता है कि उसका पल्ला आसमान को छूने लगे तो एक ऐसी आत्मा जन्म लेती है जो यह चाहती है कि पूरी दुनिया मेहरबानी की ठंडी छाँव में विश्राम करे। महसूफा ने इन्हीं तमाम बातों को कविता के माध्यम से काग़ज पर उतारा है। सुनीति रावत हिन्दी की लेखिका हैं पर उर्दू का भी उन्हें पर्याप्त ज्ञान है, तभी तो मौसूफा ने संग्रह की अनेक नज्मों में ज़िन्दगी के तमाम तजर्षों को बड़े ही अच्छे ढंग से समेटने की कोशिश की है। शायरी अच्छी वही होती है जो दिल को छू ले। इस संग्रह में अनेक स्थान पर यह देखने को मिलता है और उनके चुभते हुये शेर भाव-विभोर कर जाते हैं। मुझे उम्मीद है कि मोहतरमा आगे भी इसी प्रकार साहित्य के पन्नों में एक सुनहरे अध्याय का इज़ाफ़ा करेंगी


-डॉ० जकी तारिक